जिक्र फ़िर उसी फनकार का है जिसे जितना सुनिए उतनी ही सुनाने की इच्छा होती है। जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ मेहंदी हसन साहब की। उन्होंने जीतनी बढिया गज़लें गई हैं उतने ही अच्छे गाने फिल्मों के लिए भी गाए हैं। उन्ही गानों में से मैं आज आपको अपना पसंदीदा गीत सुनवा रहा हों। जितना अच्छा मेहंदी हसन जी ने गाया है, उतने ही अच्छे बोल हैं। मुझे गीत का नाम नहीं मालूम है। यदि आपमें से किसी को ज्ञात हो तो बताइएगा। लीजिए तुझे प्यार करते-करते मेरी उम्र बीत जाए.....
6 comments:
उस्ताद मेहंदी हसन साहब के स्वर के श्रवण से आज का दिनारम्भ, क्या बात है. मुहब्बत भरा यह गीत हम सबके जीवन में प्यार और खुलूस के जज्बे को जिन्दा रक्खे!
अरे ,अभी- अभी तो उस्ताद गा रहे थे .अभी कुछ और बजने लगा . जरा देख लें भाई!क्या माजरा है?
वाह!! आभार!!
सिंह साहब
अगस्त १९७५ में रिलीज़ हुई पाकिस्तानी फ़िल्म 'मेरा नाम है मोहब्बत' का गाना है यह. शबाब केरानवी साहब निर्देशक थे, मोहम्मद अशरफ़ का संगीत था, तसलीम फ़ज़ली गीतकार थे. फ़िल्म के गीत ख़ान साहब के अलावा नाहीद अख़्तर और अहमद रश्दी ने गाये थे.
अच्छी पेशकश. पुराना पसन्दीदा गीत.
आपके ब्लॉग का लिंक कबाड़ख़ाने पर लगा रहा हूं.
और हां, अगर इस गाने का वीडियो देखना चाहें (अलबत्ता अपने रिस्क पर देखें) तो यह रहा लिंक:
http://in.youtube.com/watch?v=qtkTSgNypF4&eurl=http://mazhar.dk/film/history/70s/1975.htm
धन्यवाद अशोक जी । कबाड़खाना पर लिंक लगाने के लिए भी धन्यवाद।
behad Sunder prastuti ..
aur bhee sare Geet aapke Jaal Ghar per umda lage ..Dhanywaad !
Post a Comment