आप भी कहेंगे कि अभी तो दीपावली आने को है और इसे होली कि सूझी है। पर यकीन मानिए पंडित छन्नू लाल मिश्र का गाया यह फाग सुना तो लगा इसे आपको भी सुनाया जाय। 'होली खेलै रघुबीरा अवध में' तो आप ने जरूर सुनी होगी अब भूतनाथ की होली का भी हाल जानिए। पंडितजी ने ठेठ बनारसी अंदाज में गाया भी खूब है, होली का माहौल जीवंत हो उठा है -
4 comments:
bhai sunakar anand aa gaya. dhanyawad sunane ke liye.
दीवाली हो चाहे दशहरा इसे सुनने के बाद तो पिचकारी लेकर रंगों में नहाने का मन कर रहा है।
Bahut khoob Geet sunaya aapne.
Dhanywaad.
adhbhut!!!
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