
जिक्र फ़िर उसी फनकार का है जिसे जितना सुनिए उतनी ही सुनाने की इच्छा होती है। जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ मेहंदी हसन साहब की। उन्होंने जीतनी बढिया गज़लें गई हैं उतने ही अच्छे गाने फिल्मों के लिए भी गाए हैं। उन्ही गानों में से मैं आज आपको अपना पसंदीदा गीत सुनवा रहा हों। जितना अच्छा मेहंदी हसन जी ने गाया है, उतने ही अच्छे बोल हैं। मुझे गीत का नाम नहीं मालूम है। यदि आपमें से किसी को ज्ञात हो तो बताइएगा। लीजिए तुझे प्यार करते-करते मेरी उम्र बीत जाए.....