Tuesday, January 6, 2009

नववर्ष के नए रंगों के नाम .....


सबसे पहले ब्लागजगत के सभी दोस्तों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। कई दिनों तक नेट से दूर रहने के कारण देरी के लिए माफ़ी के साथ। साथियों नया साल आपके सपनों में नए नए रंग भरे, आपका और आपके अपनों का जीवन सुख, शान्ति, और समृद्धि के इन्हीं रंगों से जगमग रहे इसी शुभकामना के साथ आइये सुनते हैं पंडित छन्नू लाल मिश्र का गाया यह होली गीत- उनके एलबम 'टेसू के फूल' से......अब गायकी के बारे में क्या कंहूँ .......बस रस से और रंगों से सराबोर होइए.....

नन्द के लालन पे रंग डारूंगी..डारूंगी.....





(ऊपर किस फूल का चित्र लगा है ?)

6 comments:

siddheshwar singh said...

*सुबह एक बार सुना था. छन्नूलाल मिश्र जी को जल्दबाजी में सुनना हो नहीं पाता. मेरी दॄष्टि में उनकी गायकी भागते-हहराते वक्त की नहीं अपितु मंथर गति से अपनी ही रौ में बहते समय और समाज की गायकी है.अभी इतमीनान से सुना गया और सहज ही यह भीतर उतरता चला गया.

**आप नए साल में मिर्ज़ापुर हो आए.मैं चाहकर भी गाज़ीपुर न जा सका! वहाँ और जो भी लाए हों अपने साथ मिर्जापुरी कजरी की उजास जरूर लाए होंगे. क्या ही अच्छा हो कि इस कड़ाके की शीतलहर में लोकसंगीत की लहर बह जाय और डार से बिछुडे मुझ अकिंचन को माटी की महक सुवासित कर दे व समय,समाज,स्वार्थ से उपजा कलुष कुछ देर के लिए तिरोहित हो जाए.

***चित्र के बारे में क्या कहूँ -शायद यह समुद्र के भीतर की कोई प्राकॄतिक संरचना है.भाई, फूलों के बारे में जानकारी कम है-बहुत ही कम.

पारुल "पुखराज" said...

aabhaar...

Manish Kumar said...

आधी रात में मिश्र जी को सुनना में बेहद अच्छा लगा. होली का माहौल कुछ महिने पहले किसक आया। इसे सुनवाने का आभार और आपको नव वर्ष की हार्दिक शुबकामनाएँ।

एस. बी. सिंह said...

यह चित्र इलेक्ट्रोनिक माइक्रोस्कोप से गई एक नैनो संरचना है। अधिक जानकारी के लिए इस पेज पर जाएँ-http://www.nanotech-now.com/Art_Gallery/ghim-wei-ho.htm

Ashok Pande said...

पंडिज्जी को सुनवाने जा आभार. और नया साल आपको भी मुबारक.

ravindra vyas said...

आपको भी नए साल की शुभकामनाएं।

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